मध्यप्रदेश, जिसे भारत का “हृदय प्रदेश” भी कहा जाता है, देश के भौगोलिक केंद्र में स्थित है। इसकी भौगोलिक स्थिति इसे न केवल सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाती है, बल्कि यह राज्य प्राकृतिक संसाधनों, जलवायु विविधता और जैव-विविधता के लिए भी जाना जाता है। इस लेख में हम मध्यप्रदेश की भौगोलिक स्थिति को विस्तार से समझेंगे।

मध्यप्रदेश भारत के मध्य में स्थित है और इसे देश का दिल कहा जाता है। यह राज्य उत्तरी अक्षांश 21°6′ से 26°30′ और पूर्वी देशांतर 74°9′ से 82°48′ के बीच फैला हुआ है। मध्यप्रदेश का क्षेत्रफल 3,08,252 वर्ग किलोमीटर है, जो इसे भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य बनाता है।
इसकी सीमाएँ पाँच राज्यों से मिलती हैं:
-उत्तर में: उत्तर प्रदेश
-पूर्व में: छत्तीसगढ़
-दक्षिण में: महाराष्ट्र
-पश्चिम में: राजस्थान और गुजरात
इस भौगोलिक स्थिति के कारण मध्यप्रदेश को भारत के विभिन्न भागों से जोड़ने में आसान होता है, जिससे यह व्यापार और परिवहन के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है।
- मिट्टी और कृषि
मध्यप्रदेश की मिट्टी विविध प्रकार की है, जो इसे कृषि के लिए उपयुक्त बनाती है। यहाँ मुख्य रूप से तीन प्रकार की मिट्टी पाई जाती हैं:
1.काली मिट्टी: मालवा पठार में पाई जाती है और कपास तथा सोयाबीन की खेती के लिए आदर्श मानी जाती है।
2.लाल मिट्टी: यह विंध्याचल क्षेत्र में पाई जाती है और गेहूँ तथा दलहन की खेती के लिए उपयुक्त होती है।
3.बलुई मिट्टी: चंबल घाटी में पाई जाती है और सरसों तथा बाजरा उगाने के लिए उपयोगी होती है।
कृषि मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है। यहाँ गेहूँ, सोयाबीन, चावल, दलहन, मक्का, सरसों आदि प्रमुख फसलें उगाई जाती हैं।
वनस्पति और वन्यजीव
मध्यप्रदेश जैव-विविधता के लिए भी प्रसिद्ध है। राज्य का लगभग 30% क्षेत्र वनाच्छादित है। यहाँ सागौन, साल, बांस जैसे पेड़ प्रमुख रूप से पाए जाते हैं।
मध्यप्रदेश को “टाइगर स्टेट” कहा जाता है क्योंकि यहाँ बाघों की संख्या सबसे अधिक है।
– कान्हा नेशनल पार्क
– बांधवगढ़ नेशनल पार्क
– पेंच नेशनल पार्क
– सतपुड़ा नेशनल पार्क
ये सभी राष्ट्रीय उद्यान वन्यजीव संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण हैं।
जलवायु
मध्यप्रदेश की जलवायु उष्णकटिबंधीय मानसूनी प्रकार की है।
1.ग्रीष्म ऋतु: मार्च से जून तक रहती है। इस दौरान तापमान 45°C तक पहुँच सकता है।
2.वर्षा ऋतु: जुलाई से सितंबर तक रहती है। मानसून मुख्य रूप से दक्षिण-पश्चिम से आता है।
3.शीत ऋतु: नवंबर से फरवरी तक रहती है। इस दौरान तापमान 10°C तक गिर सकता है।
खनिज संपदा
मध्यप्रदेश खनिज संसाधनों का भंडार माना जाता है। यहाँ हीरा, चूना पत्थर, बॉक्साइट, मैंगनीज, तांबा आदि खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। पन्ना जिला हीरे के खनन के लिए प्रसिद्ध है।
भौगोलिक महत्व
मध्यप्रदेश की भौगोलिक स्थिति इसे भारत के सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्वपूर्ण बनाती है।
- यह राज्य उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम को जोड़ने वाला एक केंद्र बिंदु है।
- यहाँ की भूमि उपजाऊ होने के कारण कृषि का विकास हुआ है।
- खनिज संपदा ने औद्योगिक विकास को बढ़ावा दिया है।